Thursday, June 4, 2009

पर्यावरण के पहरेदारों को सलाम

आप कभी घर के इर्द-गिर्द पडे़ कचरे को देखकर नाक-भौं सिकोड़कर आगे निकल जाते हैं, मगर हमारे बीच ऐसे लोग भी हैं, जो कूडे़ कचरे को इकट्ठा कर उसे वर्मी कंपोस्ट खाद में कनवर्ट कर रहे हैं। यही खाद हमारे आसपास की हरियाली को बढ़ा रही है। ऐसे पहरेदारों की पहल से शहर की दूषित हवा शीतल मंद सुगंध में बदल रही है। इन चेहरों को किसी पहचान की जरूरत नहीं है। ये सोसायटी में इतना ऊंचा मुकाम हासिल कर चुके हैं कि अब इन्हें सिर्फ यूथ का सपोर्ट मिल जाए तो तो आसपास का माहौल काफी बदल जाएगा। नोएडा में कूडे़ को वर्मी कंपोस्ट खाद में बदलकर उसे ब्रांडेड बनाने में जुटी सिटिजन एनवायरमेंट इंप्रूवमेंट सोसायटी के ज्यादातर मेंबर केंद्र सरकार, स्टेट गवर्नमेंट व आर्मी, एयरफोर्स व नेवी के रिटायर्ड अफसर रहे हैं। सोसायटी के प्रेजिडेंट ब्रजेंद सहाय नोएडा अथॉरिटी के चेयरमैन के अलावा यूपी के चीफ सेक्रटरी रह चुके हैं। सोसायटी के जनरल सेक्रटरी आर. के. चोपड़ा बताते हैं कि हर महीने शहर के अलग-अलग सेक्टरों से लगभग 2500 टन कूड़ा एकत्र कर उसे सेक्टर-54 के सिटी फॉरेस्ट में ले जाया जाता है। वहां पहले कूडे़ की छानबीन की जाती है। उसमें से पॉलिथीन और पेपर को अलग कर बाकी पत्ते या खाने के बचे हुए सामान को ग्रीन बेल्ट में फैलाया जाता है। इसे गीला कर पिट्स में डाला जाता है। इसके बाद इसमें गोबर मिलाकर केंचुए छोड़े जाते हैं। इस प्रक्रिया में एक महीने का समय लग जाता है। इस तरह लगभग 20 से 22 टन वर्मी कंपोस्ट खाद डेढ़ महीने में तैयार हो रही है। इस खाद की सप्लाई भी नोएडा अथॉरिटी, नेशनल बोटेनिकल गार्डन, गोल्फ कोर्स जैसी जगहों के लिए हो रही है।