हरियाणा पुलिस का पूर्व डीएसपी और रोहतक के सरिता कांड का आरोपी धीरज सेतिया कोर्ट में जमानत याचिका खारिज होते ही अदालत से भाग गया। थोड़ी देर की भागदौड़ के बाद सीबीआई ने सेतिया को पकड़ लिया और सीबीआई कोर्ट में पेश किया। जज ए. एस. नारंग ने सेतिया और इंस्पेक्टर पवन कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। गौरतलब है कि रोहतक की रहने वाली सरिता ने रेप के मामले की सुनवाई न होने की वजह से हरियाणा पुलिस के महानिदेशक रंजीव दलाल के ऑफिस के बाहर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद केस सीबीआई को सौंप दिया गया था। सीबीआई ने छानबीन में रोहतक के पूर्व डीएसपी धीरज सेतिया, इंस्पेक्टर पवन कुमार और सिपाही रामबल को दोषी बताया था। इन तीनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। सेतिया ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दी थी। होई कोर्ट ने सेतिया को राहत देते हुए अंबाला स्थित सीबीआई कोर्ट से जमानत लेने को कहा था। सोमवार को कोर्ट ने उसकी याचिका रद्द कर दी तो वह कोर्ट से भाग खड़ा हुआ। सेतिया ने अदालत में कहा कि मैं डीएसपी हूं और सीबीआई का इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी मुझे गिरफ्तार नहीं कर सकता। यह कहकर वह अदालत से बाहर चला गया। बाद में सीबीआई डीएसपी सतीश डागर ने सेतिया को पकड़कर अदालत में पेश किया। सरिता आत्महत्या मामले के इन दोनों आरोपियों को सोमवार शाम जब अदालत से अंबाला सेंट्रल जेल ले जाया गया तो उनको अंदर ले जाने के लिए जेल का बड़ा दरवाजा खोला गया, जबकि अमूमन अपराधियों को छोटे गेट से ही जेल के अंदर ले जाया जाता है। इसके अलावा जेल के दरवाजे पर तैनात पुलिसकर्मियों को दोनों आरोपियों को सेल्यूट ठोकते हुए भी देखा गया। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि जेल के अंदर दोनों आरोपियों को कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं।