मुंबई पर आतंकी हमलों के खिलाफ अभियान के दौरान मिले सबक के बाद स्थिति का मूल्यांकन करते हुए शहरी आतंकवाद से निपटने के लिए सेना की विशेष इकाइयां स्थापित करने प्रस्ताव रखा गया है। सेना के महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा क्षेत्र के मुख्यालयों द्वारा किए आधिकारिक मूल्यांकन में साफ-साफ स्वीकार किया गया है कि मूलभूत प्रशिक्षण और उपकरण सेना को आतंकवाद विरोधी अभियानों के खिलाफ सक्षम नहीं बनाते। मूल्यांकन रिपोर्ट में कहा गया है कि इसलिए इन उद्देश्यों के लिए विशेष इकाइयां स्थापित करने की जरूरत है। इन इकाइयों को इस तरह तैयार किया जाना चाहिए कि छोटी अवधि की नोटिस पर इनकी तैनाती देश के किसी भी हिस्से में की जा सके। रिपोर्ट की सिफारिश के अनुसार, प्रशिक्षण और साधन आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए सेना को सुसज्जित नहीं बनाते हैं। विशेष इकाइयां छोटी सी अवधि के नोटिस के बाद देश के किसी भी भाग में तैनात किए जाने में सक्षम होनी चाहिए। महाराष्ट्र के मुख्य सचिव ने मुंबई पर आतंकवादी हमलों के आधे घंटे के भीतर जनरल ऑफिस कमांडिंग (जीओसी) को फोन कर तुरंत सैन्य सहायता देने की मांग की थी।