कानपुर के महिला कॉलिजों में सिर्फ स्टूड्टंस के ऊपर ही ड्रेस कोड नहीं लागू किया गया है। अब उन्हें पढ़ाने वाली टीचर्स भी ड्रेस कोड के दायरे में आ गई हैं। कानपुर के महिला कॉलिजों की स्टूड्टंस के जींस , टॉप , कानों में बड़े - बड़े इयर रिंग्स और ऊंची एड़ी की सैंडिल पहन कर आने पर रोक लगाई जा चुकी है। अब कॉलिजों में पढ़ाने वाली टीचर्स को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वह स्लीवलस ब्लाउज और भड़कीले सूट पहन कर कॉलिज न आयें। मोबाइल लेकर कॉलिज आने की अनुमति है लेकिन उसे स्विच ऑफ रखना होगा। छात्राओं के नियम का उल्लंघन करने पर उन्हें तो समझाया जाएगा और डांटा जाएगा। लेकिन अगर कोई प्राध्यापिका स्लीवलस ब्लाउज में कॉलिज आई तो उस पर 100 रुपये का जुर्माना करने की व्यवस्था की गयी है।
कानपुर के एक एजेकुशन वाले कॉलेज पीपीएन ने तो छात्राओं के साथ छात्रों पर भी कॉलिज परिसर में जींस और ऐसे कपड़े पहनकर आने पर रोक लगा दी है जिससे कॉलिज का माहौल बिगड़ता है। महिला कॉलिजों की प्रिसिंपल का कहना है कि यह ड्रेस कोड कॉलिज के बाहर लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए लागू किया गया है। ऐसा ही ड्रेस कोड शहर के जुहारी देवी गर्ल्स डिग्री कॉलिज और एसएन सेन गर्ल्स डिग्री कॉलिजों में भी लागू किया गया है। कानपुर के एक बड़े गर्ल्स डिग्री कॉलिज डीजी गर्ल्स डिग्री कॉलिज की प्रिसिंपल डॉ . मीता जमाल ने बुधवार को बताया कि कॉलिज में करीब 8000 स्टूडंट्स डिग्री स्तर की कक्षाओं में पढ़ती हैं और उन्हें पढ़ाने के लिए 240 टीचर हैं। डॉ . मीता जमाल ने बताया कि 8000 लड़कियों को संभालना मुश्किल काम है। क्लास खत्म होने के बाद उनसे लड़के छेड़खानी करते हैं जिससे कॉलिज की छवि बिगड़ती है जबकि स्टूडंट्स के पेरंट्स कॉलिज प्रबंधन को दोषी ठहराते हैं। उन्होंने बताया कि इसीलिए कॉलिज प्रबंधन ने नोटिस बोर्ड पर नोटिस लगाया है कि कॉलिज में कोई भी स्टूडंट जींस , टॉप , स्कर्ट पहन कर नहीं आएगी। स्टूडंट्स को कानों में बड़े बड़े इयर रिंग्स , गले में हार , फैन्सी अंगूठी और ऊंची एड़ी के सैंडिल पहनने पर भी रोक है। स्टूडंट्स कॉलिज में मोबाइल फोन भी लेकर नही आएंगी। इन नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। डॉ . जमाल ने बताया केवल अपने कॉलिज की स्टूडंट्स को ही नहीं बल्कि टीचर्स को भी अनुशासित कर रहे हैं। अगर प्राध्यापिका अनुशासित नहीं होगी तो फिर स्टूडंट्स कैसे अनुशासन के दायरे में आएंगी। इसीलिए कॉलिज कैंपस में प्राध्यापिकाओं को स्लीवलस ब्लाउज , भड़कीले सूट , जेवर गहने पहन कर आने से मना किया गया है। वे साधारण चूडि़या और कानों में इयर रिंग्स पहन कर आ सकती हैं। डॉ . जमाल के अनुसार , कॉलिज में प्राध्यापिका मोबाइल फोन लेकर तो आ सकती हैं लेकिन वह कॉलिज कैंपस में अपना मोबाइल साइलंट मोड में रखेंगी या स्विच ऑफ रखेंगी। डॉ . जमाल ने बताया कि स्टूडंट्स के लिए इन नियमों के उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रावधान नहीं है लेकिन अगर टीचर्स ने इन नियमों का पालन नहीं किया तो उन पर 100 रुपये जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।
कानपुर के एक एजेकुशन वाले कॉलेज पीपीएन ने तो छात्राओं के साथ छात्रों पर भी कॉलिज परिसर में जींस और ऐसे कपड़े पहनकर आने पर रोक लगा दी है जिससे कॉलिज का माहौल बिगड़ता है। महिला कॉलिजों की प्रिसिंपल का कहना है कि यह ड्रेस कोड कॉलिज के बाहर लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए लागू किया गया है। ऐसा ही ड्रेस कोड शहर के जुहारी देवी गर्ल्स डिग्री कॉलिज और एसएन सेन गर्ल्स डिग्री कॉलिजों में भी लागू किया गया है। कानपुर के एक बड़े गर्ल्स डिग्री कॉलिज डीजी गर्ल्स डिग्री कॉलिज की प्रिसिंपल डॉ . मीता जमाल ने बुधवार को बताया कि कॉलिज में करीब 8000 स्टूडंट्स डिग्री स्तर की कक्षाओं में पढ़ती हैं और उन्हें पढ़ाने के लिए 240 टीचर हैं। डॉ . मीता जमाल ने बताया कि 8000 लड़कियों को संभालना मुश्किल काम है। क्लास खत्म होने के बाद उनसे लड़के छेड़खानी करते हैं जिससे कॉलिज की छवि बिगड़ती है जबकि स्टूडंट्स के पेरंट्स कॉलिज प्रबंधन को दोषी ठहराते हैं। उन्होंने बताया कि इसीलिए कॉलिज प्रबंधन ने नोटिस बोर्ड पर नोटिस लगाया है कि कॉलिज में कोई भी स्टूडंट जींस , टॉप , स्कर्ट पहन कर नहीं आएगी। स्टूडंट्स को कानों में बड़े बड़े इयर रिंग्स , गले में हार , फैन्सी अंगूठी और ऊंची एड़ी के सैंडिल पहनने पर भी रोक है। स्टूडंट्स कॉलिज में मोबाइल फोन भी लेकर नही आएंगी। इन नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। डॉ . जमाल ने बताया केवल अपने कॉलिज की स्टूडंट्स को ही नहीं बल्कि टीचर्स को भी अनुशासित कर रहे हैं। अगर प्राध्यापिका अनुशासित नहीं होगी तो फिर स्टूडंट्स कैसे अनुशासन के दायरे में आएंगी। इसीलिए कॉलिज कैंपस में प्राध्यापिकाओं को स्लीवलस ब्लाउज , भड़कीले सूट , जेवर गहने पहन कर आने से मना किया गया है। वे साधारण चूडि़या और कानों में इयर रिंग्स पहन कर आ सकती हैं। डॉ . जमाल के अनुसार , कॉलिज में प्राध्यापिका मोबाइल फोन लेकर तो आ सकती हैं लेकिन वह कॉलिज कैंपस में अपना मोबाइल साइलंट मोड में रखेंगी या स्विच ऑफ रखेंगी। डॉ . जमाल ने बताया कि स्टूडंट्स के लिए इन नियमों के उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रावधान नहीं है लेकिन अगर टीचर्स ने इन नियमों का पालन नहीं किया तो उन पर 100 रुपये जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।