Monday, June 15, 2009

एक बाजार, जहां होगा महिलाओं का वर्चस्व

दिल्ली में महिला हाट यानी महिलाओं का एक बाजार मूर्तरूप लेने जा रहा है। इस बाजार में जहां दुकानदारी सिर्फ और सिर्फ महिलाएं संभालेंगी, वहीं रखरखाव की जिम्मेदारी भी पूरी तरह उनके ऊपर होगी। लेकिन इस महिला हाट में पुरुष खरीदारों कोई बंदिश नहीं होगी। पुरानी दिल्ली की मुगलिया शान-ओ-शौकत से लबरेज यह हाट इसी साल नवंबर में शुरू हो जाएगा। यह बाजार एमसीडी के महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट में से एक है। पुरानी दिल्ली स्थित दिल्ली गेट की अंडरग्राउंड पार्किंग के ऊपर बन रहे इस महिला हाट को बनाने का सपना एमसीडी के पूर्व कमिश्नर राकेश मेहता ने देखा था। अब करीब चार साल बाद यह बनना शुरू हुआ है। करीब 1.94 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह महिला हाट 6,000 वर्गमीटर में बन रहा है। वैसे इस हाट के बगल में एक कम्यूनिटी सेंटर भी बनाए जाने का प्रस्ताव है। अगर उसे हरी झंडी मिल गई, तो इसकी लागत और बढ़ जाएगी। एमसीडी की स्टैंडिंग कमिटी में पिछले साल इस हाट को बनाने की मंजूरी मिली थी और इस साल मार्च में इसका निर्माण शुरू हो गया। इस हाट में करीब 64 दुकानें बनाई जा रही हैं, जिनके चारों ओर व छत पर उत्तम क्वॉलिटी का टेंट लगाया जाएगा, जिसका लुक व कलर मुगल काल में लगाए जाने वाले बाजारों जैसा होगा। एमसीडी कमिश्नर के. एस. मेहरा के अनुसार, हर दुकान रूपी स्टॉल में दो फुट का ऊंचा प्लैटफॉर्म होगा। इसका डिजाइन इस प्रकार तैयार किया जा रहा है कि उसके नीचे सामान रखा जा सके। इन स्टॉल्स को तीन तीन महीने के लिए महिलाओं को किराए पर दिया जाएगा। बाजार में करीब 500 महिलाओं के एक साथ बैठने के लिए स्थान भी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि वहां महिलाएं कोई कार्यक्रम भी आयोजित कर सकें। एमसीडी के एंजीनियर इन चीफ रविदास के अनुसार, यह महिला हाट बहुत पहले ही बनकर तैयार हो जाता लेकिन लैंडयूज के कारण मामला अटक गया। पिछले साल केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इसका लैंडयूज बदलने की इजाजत दे दी थी, जिसके बाद इस साल इसका निर्माण शुरू हो गया। उन्होंने बताया कि नवंबर में यह बाजार शुरू हो जाएगा। बाजार की सुंदरता बढ़ाने के लिए पूरे इलाके में रोशनी के विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। हाट में अच्छे किस्म के फर्नीचर, बेंच, साइन बोर्ड, गमले, कूड़ेदान आदि उपलब्ध कराए जाएंगे।