उम्मीदवार अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टोपी पहना सकते हैं। पार्टी चह्न वाले स्कार्फ भी दे सकते हैं। लेकिन साड़ियां और शर्ट बांटी जाती हैं, तो उम्मीदवारों का चुनाव रद्द हो सकता है। होली मिलन समारोह में सौ-सौ के नोट बांटने की कथित घटना से आयोग चुनाव आचार संहिता को लेकर और भी अधिक सतर्क हो गया है। उम्मीदवार अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को टोपियां और स्कार्फ बांटते हैं तो उसके खर्चे का बाकायदा रेकॉर्ड देना होगा। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो इसे वोटरों को रिश्वत देना माना जाएगा। आयोग सूत्रों का कहना है कि पाटीर् उम्मीदवारों की तरफ से अगर कार्यकर्ताओं को साड़ियां और शर्ट बांटी जाती हैं, तो इसे प्रलोभन की कैटिगरी में रखा जाएगा। जैसे कि वोटरों को रिश्वत दी गई हो। लिहाजा उम्मीदवार का यह कदम आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा। इसी तरह यदि मोटर वाहनों की स्टेपनी पर पार्टी चिह्न वाले कवर लगाए जाते हैं, तो इसे भी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना
जाएगा। सूत्रों का कहना है कि वाहन चालकों को पार्टी की ओर से या उम्मीदवार द्वारा स्टेपनी कवर बांटना प्रलोभन के दायरे में आता है। ऐसे किसी भी तरह के वितरण की शिकायत डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट से की जा सकती है। उम्मीदवार व राजनीतिक पार्टियां आसमान से प्रचार के पर्चे गिरा सकते हैं । लेकिन जिस उम्मीदवार के पक्ष में ये हैंड बिल या पर्चे गिराए जाते हैं, उस उम्मीदवार को इस प्रचार के खर्च का पूरा ब्यौरा आयोग को देना होगा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि सभी तरह से प्रचार पोस्टरों, हैंड बिलों या पर्चों पर प्रिंटर और पब्लिशर का पता छपा होना अनिवार्य है। यदि किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में बांटे जा रहे पोस्टरों पर प्रिंटर व प्रकाशक का पता नहीं लिखा है, तो उसे जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन माना जाएगा। सूत्रों का कहना है कि जुलूस के दौरान वाहनों पर झंडे बैनर और पोस्टर लगाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इन प्रचार सामग्रियों को वाहनों पर चिपकाना या लटकाना मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं और स्थानीय नियमों के अनुकूल होना अनिवार्य है। पता चला है कि आयोग ने प्रचार सामग्री तैयार करने में प्लास्टिक शीट के इस्तेमाल पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। न ही इसे आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में लाया गया है। राजनीतिक दलों से अपील की गई है कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जागरूकता प्रदर्शित करते हुए बैनर और पोस्टरों के लिए प्लास्टिक या फिर पॉलिथीन मटीरियल का उपयोग न करें। कोई भी उम्मीदवार या उसके समर्थक व पार्टी कार्यकर्ता किसी की निजी संपत्ति या मकान पर पार्टी झंडा, होर्डिन्ग, पोस्टर व बैनर नहीं लगा सकते। यदि कोई उम्मीदवार ऐसा करना चाहता है तो उसे पहले संपत्ति के मालिक से लिखित अनुमति लेनी होगी। उस अनुमति की कॉपी तीन दिन के अंदर रिटर्निन्ग ऑफिसर या फिर तैनात संबद्ध अधिकारी को देनी होगी। उसके बाद ही किसी निजी प्रॉपर्टी पर बैनर व पोस्टर लगाए जा सकेंगे। यदि उम्मीदवार व उसके समर्थक बिना अनुमति के पोस्टर चिपकाते हैं या बैनर लगाते हैं तो नियमों के तहत उम्मीदवार के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। NBT
जाएगा। सूत्रों का कहना है कि वाहन चालकों को पार्टी की ओर से या उम्मीदवार द्वारा स्टेपनी कवर बांटना प्रलोभन के दायरे में आता है। ऐसे किसी भी तरह के वितरण की शिकायत डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट से की जा सकती है। उम्मीदवार व राजनीतिक पार्टियां आसमान से प्रचार के पर्चे गिरा सकते हैं । लेकिन जिस उम्मीदवार के पक्ष में ये हैंड बिल या पर्चे गिराए जाते हैं, उस उम्मीदवार को इस प्रचार के खर्च का पूरा ब्यौरा आयोग को देना होगा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि सभी तरह से प्रचार पोस्टरों, हैंड बिलों या पर्चों पर प्रिंटर और पब्लिशर का पता छपा होना अनिवार्य है। यदि किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में बांटे जा रहे पोस्टरों पर प्रिंटर व प्रकाशक का पता नहीं लिखा है, तो उसे जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन माना जाएगा। सूत्रों का कहना है कि जुलूस के दौरान वाहनों पर झंडे बैनर और पोस्टर लगाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इन प्रचार सामग्रियों को वाहनों पर चिपकाना या लटकाना मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं और स्थानीय नियमों के अनुकूल होना अनिवार्य है। पता चला है कि आयोग ने प्रचार सामग्री तैयार करने में प्लास्टिक शीट के इस्तेमाल पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। न ही इसे आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में लाया गया है। राजनीतिक दलों से अपील की गई है कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जागरूकता प्रदर्शित करते हुए बैनर और पोस्टरों के लिए प्लास्टिक या फिर पॉलिथीन मटीरियल का उपयोग न करें। कोई भी उम्मीदवार या उसके समर्थक व पार्टी कार्यकर्ता किसी की निजी संपत्ति या मकान पर पार्टी झंडा, होर्डिन्ग, पोस्टर व बैनर नहीं लगा सकते। यदि कोई उम्मीदवार ऐसा करना चाहता है तो उसे पहले संपत्ति के मालिक से लिखित अनुमति लेनी होगी। उस अनुमति की कॉपी तीन दिन के अंदर रिटर्निन्ग ऑफिसर या फिर तैनात संबद्ध अधिकारी को देनी होगी। उसके बाद ही किसी निजी प्रॉपर्टी पर बैनर व पोस्टर लगाए जा सकेंगे। यदि उम्मीदवार व उसके समर्थक बिना अनुमति के पोस्टर चिपकाते हैं या बैनर लगाते हैं तो नियमों के तहत उम्मीदवार के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। NBT