धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़े एक अमेरिकी आयोग ने पाकिस्तान के चरमपंथी संगठनों के साथ आईएसआई के संबंधों पर गहरी चिंता जताई है। आयोग का कहना है कि पाकिस्तान में कई मदरसे वहां का माहौल खराब कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी समिति की अध्यक्ष फेलिस. डि. गेयर ने कहा कि पाकिस्तान में इस्लामिक कट्टरपंथियों की संख्या में बिना रोक-टोक बढ़ावा हो रहा है। इन संगठनों के सदस्य पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर होने वाली हिंसा में हिस्सा लेते हैं। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले आतंकवादी घटनाओं में भी हिस्सा लेते हैं। इन कट्टरपंथियों का संबंध पाकिस्तानी सेना, खास तौर पर आईएसआई के साथ है। पाकिस्तान के इस्लामी स्कूल या मदरसों की कथित भूमिका को लेकर आयोग काफी गंभीर है। इससे धार्मिक स्वतंत्रता के हनन होने की आशंका ज्यादा होती है। फेलिस ने कहा कि विचार, अंतरात्मा और धार्मिक स्वतंत्रता व समानता के मामले में महिलाओं के समान अधिकारों पर बंदिश सहित धर्म आधारित असहिष्णुता, चरमपंथ और हिंसा गंभीर चिंता का विषय है। एक टॉप अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा है कि पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में आतंकवादियों के छिपने के सुरक्षित स्थानों को तुरंत नष्ट करने की जरूरत है। इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए यह बहुत जरूरी है। अफगानिस्तान में अमेरिकी कमांडर जनरल डेविड मैक कियरनैन ने कहा कि जब तक आतंकवादी खुलेआम घूमते रहेंगे, पाकिस्तान समेत पूरे इलाके में स्थिरता का माहौल नहीं बन सकेगा। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अमेरिकी मुहिम सफल नहीं होती तो, अल कायदा जैसे संगठन दुनियाभर में अपनी गतिविधियों को बेखौफ अंजाम देंगे। NBT