अमेरिका के राष्ट्रपति बाराक ओबामा ने अमेरिकी बच्चों से कहा है कि उन्हें इंडियन और चाइनीज बच्चों से मुकाबला करना है, तो अपनी पढ़ाई-लिखाई का लेवल सुधारना होगा। औसत दर्जे की एजुकेशन से वह ऐसा नहीं कर पाएंगे। कैलिफॉर्निया के कोस्टा मेसा टाउन हॉल में स्थानीय लोगों से बातचीत में ओबामा ने कहा कि इसके लिए जरूरी नहीं कि टेस्ट बेहद हाई-लेवल के हों, बल्कि जरूरत इस बात की है कि छात्रों की परफॉर्मेंस को निखारने के लिए उपयुक्त और मजबूत उपाय किए जाएं। ओबामा को लगता है कि ऐसे वक्त में जब भारतीय और चीनी छात्रों ने दुनिया भर में अपनी परफॉर्मेंस के बल पर झंडे गाड़े हुए हैं, अमेरिकी बच्चों को औसत दर्जे से ऊपर उठना ही होगा। ओबामा ने अपने चुनाव अभियान के दौरान भी शिक्षा पर काफी जोर दिया था। ओबामा का कहना था कि शिक्षा का लेवल उठाने के लिए हमें कई स्तरों पर सुधार की जरूरत है, तभी अमेरिकी बच्चे मुकाबले में टिकने का माद्दा रख पाएंगे। बच्चों को नसीहत देने के साथ-साथ ओबामा ने उनके पैरंट्स का रोल इसमें सबसे ज्यादा जरूरी बताया। उनका कहना था कि बच्चों की अच्छी परफॉर्मेंस के लिए पैरंट्स सारा बोझ टीचरों पर डालकर पल्ला झाड़ लेते हैं, जो गलत है। उन्होंने पैरंट्स से मुखातिब होकर कहा कि भले ही बच्चे का टीचर कितना ही अच्छा क्यों न हो, अगर आप लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि आपके बच्चे ने होमवर्क किया या नहीं, उन्हें पढ़ाते नहीं, उन्हें जागरूक नहीं रखते तो आप अपने बच्चे के भविष्य के साथ खेल रहे हैं।