इस खबरपर यकीन करने में आपको कुछ देर लगेगी। इंग्लैंड की एक महिला चेरल क्रिस्प दिल का
दौरा पड़ने के कारण कई मुसीबतों में पड़ी। कई बार तकनीकी रूप से उसे मृत घोषित किया गया, यहां तक कि उसकी याददाश्त भी चली गई। फिर भी उसने एक बेटे को जन्म दिया। चेरल 35 साल की है। पिछले साल 2 दिसंबर को वह अपने पति टेरी केम्प के साथ कुछ शॉपिंग करके लौट रही थीं। तभी उन्हें साउथ लंदन के बेकनहम स्थित अपने घर के पास ही दिल का दौरा पड़ा। टेरी फौरन ही उसे पास ही के अस्पताल ले गये। वहां पार्किन्ग में ही गाड़ी खड़ी करके उन्होंने डॉक्टरों को कॉल किया। चेरल के इलाज के दौरान पता चला कि उनकी एक नस में खून का थक्का जम गया है। उनका ऑपरेशन किया गया। लेकिन इलाज के
दौरान कई बार यह मौका आया कि उन्हें तकनीकी रूप से मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टर कुछ दवाओं का इस्तेमाल इसलिए नहीं कर पाए कि उससे उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता था। पर जैसे ही डॉक्टरों ने खून के थक्के को साफ कर दिया उन्हें आठ दिनों तक कोमा में रख दिया गया। इस बीच कोमा के छठे दिन चेरल ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। इसका नाम एल्बी रखा गया है। डॉक्टर इसे चमत्कार ही मान रहे हैं, क्योंकि ऐसी हालत में या तो बच्चे की जान को खतरा था मां की जान को। लेकिन इसका एक नुकसान यह हुआ कि उनकी याददाश्त चली गई। कोमा टूटने के बाद उन्होंने कहा कौन बच्चा, किसका बच्चा। वह यह भी भूल गईं कि वह प्रेग्नंट थीं। उन्होंने यह भी पूछा कि वह अस्पताल में क्यों हैं। जब उन्हें पूरा घटनाक्रम बताया गया तो वह भी यकीन नहीं कर सकीं। उन्होंने कहा कि यह सब सुनने के बाद मेरा सिर घूमने लगा है। इस कपल को पहले से एक 16 साल का बेटा सैम और 9 साल की बेटी जॉर्जी है। लेकिन अब उनकी याददाश्त धीरे-धीरे लौट रही है। और इनकी जिन्दगी पटरी पर लौटने लगी है।
दौरा पड़ने के कारण कई मुसीबतों में पड़ी। कई बार तकनीकी रूप से उसे मृत घोषित किया गया, यहां तक कि उसकी याददाश्त भी चली गई। फिर भी उसने एक बेटे को जन्म दिया। चेरल 35 साल की है। पिछले साल 2 दिसंबर को वह अपने पति टेरी केम्प के साथ कुछ शॉपिंग करके लौट रही थीं। तभी उन्हें साउथ लंदन के बेकनहम स्थित अपने घर के पास ही दिल का दौरा पड़ा। टेरी फौरन ही उसे पास ही के अस्पताल ले गये। वहां पार्किन्ग में ही गाड़ी खड़ी करके उन्होंने डॉक्टरों को कॉल किया। चेरल के इलाज के दौरान पता चला कि उनकी एक नस में खून का थक्का जम गया है। उनका ऑपरेशन किया गया। लेकिन इलाज के
दौरान कई बार यह मौका आया कि उन्हें तकनीकी रूप से मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टर कुछ दवाओं का इस्तेमाल इसलिए नहीं कर पाए कि उससे उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता था। पर जैसे ही डॉक्टरों ने खून के थक्के को साफ कर दिया उन्हें आठ दिनों तक कोमा में रख दिया गया। इस बीच कोमा के छठे दिन चेरल ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। इसका नाम एल्बी रखा गया है। डॉक्टर इसे चमत्कार ही मान रहे हैं, क्योंकि ऐसी हालत में या तो बच्चे की जान को खतरा था मां की जान को। लेकिन इसका एक नुकसान यह हुआ कि उनकी याददाश्त चली गई। कोमा टूटने के बाद उन्होंने कहा कौन बच्चा, किसका बच्चा। वह यह भी भूल गईं कि वह प्रेग्नंट थीं। उन्होंने यह भी पूछा कि वह अस्पताल में क्यों हैं। जब उन्हें पूरा घटनाक्रम बताया गया तो वह भी यकीन नहीं कर सकीं। उन्होंने कहा कि यह सब सुनने के बाद मेरा सिर घूमने लगा है। इस कपल को पहले से एक 16 साल का बेटा सैम और 9 साल की बेटी जॉर्जी है। लेकिन अब उनकी याददाश्त धीरे-धीरे लौट रही है। और इनकी जिन्दगी पटरी पर लौटने लगी है।