अगर आपका बच्चा सेलफोन का इस्तेमाल करता है या विडियो गेम्स खेलता है तो इससे उसकी पढ़ाई पर असर नहीं पड़ेगा। क्या चौंक गए? स्पेन में हुई एक स्टडी बताती है कि 12 साल तक के बच्चों की पढ़ाई पर सेलफोन के इस्तेमाल से कोई फर्क नहीं पड़ता। हालांकि रिसर्चरों ने विडियो गेम्स खेलने और कमतर ग्रेड पाने में संबंध पाया है, लेकिन यह भी देखा गया कि विडियो गेम्स खेलने से मैथ्स सीखने की क्षमता पर फर्क नहीं पड़ता। बच्चे देख-देखकर भी कुछ ऐसी स्किल सीखते हैं, जिन्हें साइंस, टेक्नॉलजी, मैथ्स, इंजीनियरिंग आदि के लिए 'ट्रेनिंग' के तौर पर माना जाता है। इन स्किल्स को सीखने में विडियो गेम्स खेलने का अच्छा असर पड़ता है। इस स्टडी से जुड़ीं मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी की साइकॉलजी की प्रोफेसर लिंडा जैकसन कहती हैं, आज ज्यादातर पैरंट्स अपने बच्चों को इन्हीं क्षेत्रों में आगे बढ़ते देखना चाहते हैं। सर्वे में पाया गया कि लड़कियों की रुचि सेलफोन में ज्यादा है, जबकि लड़कों की विडियो गेम में। तीन साल तक चली यह स्टडी इंटरनैशनल असोसिएशन फॉर डिवेलपमेंट ऑफ द इन्फर्मेशन ससायटी ने प्रकाशित की है। गेम्स में हो फाइट, तो नजर रहेगी ब्राइट विडियो गेम्स सिर्फ बच्चों ही नहीं, बड़ों के लिए भी काम की चीज हैं। एक नई स्टडी में बताया गया है कि मारधाड़ वाले विडियो गेम्स खेलने से आंख की एक खास क्षमता बढ़ती है। खास तौर पर विरोधी को मारने वाले गेम्स खेलने से प्रकाश और अंधकार के बदलावों को देखने की क्षमता का विकास होता है। रिसर्चरों का कहना है कि आंखों के लिए यह क्षमता जरूरी है, क्योंकि कुछ हालात में इससे नजर तेज होती है। मसलन, रात में सड़क पर रोशनी कम हो और आप ड्राइविंग कर रहे हों तो यही क्षमता आपके बहुत काम आती है। सामान्य हालात में यह क्षमता उम्र के साथ घटती जाती है। ब्रिटिश अखबार 'डेली टेलिग्राफ' में छपी खबर के अनुसार, न्यू यॉर्क की रॉचिस्टर यूनिवर्सिटी, गोल्डशेल्गर आई रिसर्च इंस्टिट्यूट और तेल अवीव यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने अपनी स्टडी के बाद यह जानकारी दी है। इस स्टडी को 'नेचर न्यूरोसाइंस' पत्रिका में छापा गया है। स्टडी में एक आयु वर्ग के विडियो गेम्स के अनुभवी खिलाडि़यों की इस तरह के गेम्स न खेलने वालों के समूहों से तुलना की गई। इसमें ऐक्शन गेम्स खेलने वाले वॉलंटियर्स की देखने की क्षमता में 43 से 58 फीसदी सुधार पाया गया। हाथ और आंख के ज्यादा इस्तेमाल न होने वाले गेम्स खेलने वालों में कोई बेहतरी नहीं नजर आई।