मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में एक ऐसा भी गांव है जिसकी सीमा में पिछली तीन शताब्दियों से महिलाओं का प्रसव नहीं होता। इस जिले के सांकाश्यामजी गांव में पिछली तीन शताब्दियों से ऐसा होता आ रहा है। खास बात यह है कि स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने भी इस परम्परा को मान्यता देते हुए गांव की सीमा के बाहर ‘डिलिवरी वॉर्ड’ बना दिए हैं। गांव में किसी भी महिला को प्रसव पीड़ा होने पर उसे तहसील मुख्यालय नरसिंहगढ़, कुरावर ले जाया जाता है या फिर स्थानीय स्तर पर इन वॉर्डों में ही नर्स या दाई प्रसव कराती है। यह अनोखी परम्परा सन 1700 के आसपास शुरू हुई। राजधानी भोपाल से 70 किलोमीटर दूर जयपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से तीन किलोमीटर हटकर यह गांव पड़ता है। तब यहां खीची राजवंश का शासन था। सन 1700 में इस वंश के अंतिम प्रतापी शासक श्यामसिंह खींची की मुगल सल्तनत से युद्ध के दौरान मौत होने के बाद इस वंश का यहां पतन हो गया।