फरीदाबाद शहर में एचआईवी पॉजिटिव रोगियों की संख्या तेजी बढ़ रही है। पहली तिमाही में ही शहर में 28 मामले प्रकाश में आए हैं। इन मरीजों में 5 महिलाएं हैं। मामलों के बढ़ते ग्राफ ने विभागीय अधिकारियों को टेंशन में डाल दिया है। बीके के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. ए. एस. अहलावत का कहना है कि जागरुकता पर अब ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होगी। ज्यादा से ज्यादा एचआईवी अवेयरनस प्रोग्रैम किए जाएंगे। स्टाफ और बजट की कमी के चलते ये कई बार रेग्युलर नहीं हो पाते और हर वर्ग तक नहीं पहुंच पाते। इंटीग्रेटिड काउंसलिंग ऐंड टेस्टिंग सेंटर (आईसीटीसी) के मुताबिक जनवरी में एचआईवी के 9 मामले कंफर्म हुए। फरवरी में 11 और मार्च में अब तक 8 मामले कंफर्म हो चुके हैं। काफी सैंपल अभी टेस्टिंग के लिए लगाए हुए हैं। संभावना है कि फरवरी से ज्यादा केस मार्च में हो सकते हैं। इस साल एचआईवी मामले एक के बाद एक सामने आ रहे हैं। ज्यादातर का ऐज ग्रुप 21-30 के बीच है। कुछ फैक्ट्री में काम करते हैं, तो कुछ अच्छी फर्म से जुड़े हैं। कुछ का अपना काम भी है, जबकि महिलाएं हाउस वाइफ हैं। अपने पति से मिले इस जानलेवा इंफेक्शन के साथ जिंदगी जीने के लिए संघर्ष कर रही हैं। इन 26 पेशंट्स में से कुछ अपनी मौत के नजदीक भी हैं। इस महीने कंफर्म हुए आठ मामलों का फॉलोअप किया जा रहा है। सभी पेशंट्स के फैमिली मेंबर्स का एचआईवी टेस्ट किया जा रहा है। ताकि फैमिली का कोई अन्य सदस्य इस बीमारी का शिकार है, तो उसे गाइड किया जा सके। विभागीय अधिकारी परेशान हैं कि कैसे अवेयरनस का ग्राफ बढ़ाया जाए। हालांकि हेल्पलाइन नंबर भी काउंसिलरों के पास है, लेकिन इसका बहुत ज्यादा फायदा नहीं दिख रहा। काउंसिलरों का कहना है कि हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने वाले लोग बहुत कम हैं, जबकि बीके में आईसीटीसी सेंटर पर लोग ज्यादा आते हैं। NBT