सास-बहू का झगड़ा और प्रेम के बीच जात-पात व अमीर-गरीब की खाई दिखाता सीरियल भारत ही नहीं, अब ब्राजील में भी खूब देखा जा रहा है। पुर्तगाली में इसका नाम है कमीन्हो डास इंडिया जिसको आसान भाषा में समझा जाए तो भारत को रास्ता। यह सीरियल साफ दिखाता है कि सिर्फ स्लमडॉग मिलिनेअर ही नहीं भारत की पहचान बन चुकी सास-बहू की लड़ाई भी दुनिया में धाक जमा चुकी है। इस समय सांबा की मस्ती में चूर ब्राजीलियाई रात में जब इस सीरियल के सामने होते हैं तो उन्हें भारतीय वेषभूषा जैसे साड़ी, चूड़ीदार कुर्ता और घाघरा चोली पहने लोग ही नजर आते हैं। अंतर है तो बस इतना कि वे हिंदी के बजाय पुर्तगाली में बोल रहे होते हैं। लेकिन बीच-बीच में नमस्ते, फिरंगी, चाय और चलता है जैसे देसी शब्द आपका ध्यान बरबस ही खींच लेंगे। भारतीय रीतिरिवाज जैसे बड़ों के पैर छूना भी अगर आपको इस सीरियल में दिख जाए तो हैरान मत होइएगा। मुंबई स्थित ब्राजील के महावाणिज्य दूत पाउलो अंतोनियो पिंटो कहते हैं कि हमें लगता ही नहीं है कि हम कोई अलग संस्कृति को देख रहे हैं। क्योंकि ब्राजील का समुदाय भी बहु-सांस्कृतिक है। मेरे ख्याल से सीरियल यह दिखा रहा है कि दोनों देशों के बीच क्या समानताएं हैं, न कि विभिन्नताएं। वैसे दक्षिण अमेरिका के इस सबसे बड़े देश में टेलिविजन सीरियल काफी पसंद किए जाते हैं, जो भारत की तरह ही फैशन और लाइफ स्टाइल तय करने में अहम भूमिका अदा करते हैं। कमीन्हो डास इंडिया भी ब्राजील में इसलिए ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है कि इससे लोगों को पता चलता है कि कैसे वे भारतीय की तरह दिख सकते हैं। यानी कैसे बिंदी लगाएं, साड़ी पहनें और हां भंगड़ा करें...। NBT