इसराइली सेना और हमास के चरमपंथी अब ग़ज़ा पट्टी में आमने-सामने हैं. दोनों के बीच ज़मीनी लड़ाई शुरू हो गई है। इसराइल का अपनी ताज़ी कार्रवाई के बारे में कहना है कि ग़ज़ा पट्टी में सेना का प्रवेश और ज़मीनी लड़ाई इसलिए छेड़ी जा रही है ताकि ग़ज़ा के उन हिस्सों पर नियंत्रण किया जा सके जिनका इस्तेमाल हमास के चरमपंथी इसराइल पर हमले के लिए कर रहे है। शनिवार को ही इसराइली सेना ने ग़ज़ा पट्टी के उत्तरी इलाक़े में प्रवेश करना शुरू कर दिया था. इसराइल के टैंक ग़ज़ा पट्टी में प्रवेश करते देखे गए हैं और सीमावर्ती इलाकों से गोलीबारी और धमाकों की आवाज़ें भी सुनी गई है। उधर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक पूरी स्थिति की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा है कि इसराइल को तुरंत ग़ज़ा पट्टी में अपनी ज़मीनी कार्रवाई रोक देनी चाहिए। बान की मून ने बताया कि उन्होंने इसराइल के प्रधानमंत्री एहुद ओल्मर्ट से बातचीत की है और अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। इसराइल फिलहाल पूरी तरह से युद्ध की मुद्रा में नज़र आ रहा है. इसराइल के रक्षा मंत्री एहुद बराक ने कहा है कि ज़मीनी कार्रवाई लंबी चल सकती है। इसराइल ने कहा है कि हमास बड़ी तैयारी के साथ है और इससे निपटने के लिए संघर्ष लंबा चल सकता है। उन्होंने कहा कि हमास ने इसके सिवा कोई और विकल्प नहीं छोड़ा है. एहुद बराक ने कहा कि उनका देश युद्ध नहीं चाहता है लेकिन अपने नागरिकों को हमास के रॉकेट हमलों के लिए नहीं छोड़ सकता। इसराइल ने हज़ारों की संख्या में अपने रिजर्व सैन्य बल को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं क्योंकि उनका आकलन है कि ताज़ा अभियान लंबा चल सकता है। हमास अधिकारियों ने भी इसराइली सेना के घुसने की पुष्टि की है, लेकिन कहा है कि उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ज़मीनी लड़ाई के साथ-साथ टेलीविज़न तस्वीरों से साफ है कि हवाई हमले भी जारी है। इससे पहले आठ दिन से चल रहे आक्रमण में पहली बार इसराइली सेना ने तोपों का इस्तेमाल किया। तोपों के इस्तेमाल को गज़ा में इसराइली सेना की ज़मीनी कार्रवाई की तैयारी के रूप में देखा जा रहा था। हमास के ख़िलाफ़ किए जा रहे हमलों में अब तक 400 से अधिक लोग मारे जा चुके है।