आठो प्रहर प्रकृति की गोद में रह कर प्राकृतिक माहौल और आबोहवा का अहसास। जनवरी की कडकडाती ठण्ड के बीच रात गुजारना और प्रकृति के हमझोली बनने की अनुभूति।
स्काउट इको क्लब से जुडे 50 विद्यार्थी यह अहसास इन दिनों तेजो का गुडा में पा रहे है। यह अवसर मुहैया करवाया है वन विभाग की ओर से आयोजित पर्यावरण जागरूकता िशविर के माध्यम से। िशविर में प्रकृति के माध्यम से बालमन की समझ विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। विद्यार्थियों को तीन दिनों से दो रात प्रकृति की गोद में गुजारनी होती है। कुम्भलगढ तहसील अंतर्गत वन विभाग के ईको टूरिज्म स्थल तेजो का गुडा में चल रहे िशविर में अहमदाबाद की संस्था एनाला के प्रकृति विशेशज्ञ रमेश उत्तम प्रकृति के बारे में नई-नई जानकारी देते है। इनके साथ संस्था के एडवेंचर विशेशज्ञ जिगनेश पटेल छात्रों को एडवेंचर एिक्टविटीज करवाते है। इस कार्य में उप वन संरक्षक राहुल भटनागर, मणिशंकर चौबीसा आदि उनका सहयोग कर रहे है। विद्यार्थियों को तेजो का गुडा में कपडे में बने तम्बूनुमा टेंट में ठहराया जा रहा है। 11 तम्बू में छह-छह छात्रों को ठहराया जा रहा है। राहुल भटनागर ने बताया कि पर्यावरण जागरूकता िशविर का उद्देश्य प्रकृति के माध्यम से मानव विकास करना है। विद्यार्थियों को प्रकृति के पास रहकर प्रकृति के बारे में जानकारी देना एवं उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करें।
स्काउट इको क्लब से जुडे 50 विद्यार्थी यह अहसास इन दिनों तेजो का गुडा में पा रहे है। यह अवसर मुहैया करवाया है वन विभाग की ओर से आयोजित पर्यावरण जागरूकता िशविर के माध्यम से। िशविर में प्रकृति के माध्यम से बालमन की समझ विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। विद्यार्थियों को तीन दिनों से दो रात प्रकृति की गोद में गुजारनी होती है। कुम्भलगढ तहसील अंतर्गत वन विभाग के ईको टूरिज्म स्थल तेजो का गुडा में चल रहे िशविर में अहमदाबाद की संस्था एनाला के प्रकृति विशेशज्ञ रमेश उत्तम प्रकृति के बारे में नई-नई जानकारी देते है। इनके साथ संस्था के एडवेंचर विशेशज्ञ जिगनेश पटेल छात्रों को एडवेंचर एिक्टविटीज करवाते है। इस कार्य में उप वन संरक्षक राहुल भटनागर, मणिशंकर चौबीसा आदि उनका सहयोग कर रहे है। विद्यार्थियों को तेजो का गुडा में कपडे में बने तम्बूनुमा टेंट में ठहराया जा रहा है। 11 तम्बू में छह-छह छात्रों को ठहराया जा रहा है। राहुल भटनागर ने बताया कि पर्यावरण जागरूकता िशविर का उद्देश्य प्रकृति के माध्यम से मानव विकास करना है। विद्यार्थियों को प्रकृति के पास रहकर प्रकृति के बारे में जानकारी देना एवं उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करें।