यमुनानगर की एक महिला वकील ने धमकी दी है कि आईजी एम. एस. अहलावत को गिरफ्तार करो, नहीं तो मैं जान दे दूंगी । उनका आरोप है कि आईजी महेंद्र सिंह अहलावत ने उनको सेक्सुअली हैरेस किया है। यह महिला वकील सोमवार से इंसाफ की आस में हरियाणा पुलिस मुख्यालय के सामने धरने पर बैठी है। कड़कड़ाती ठंड की भी उसे परवाह नहीं है। उसका कहना है कि पिछले कई सालों से वह शिकायत कर रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उसने कहा है कि इस बार वह इंसाफ लेकर ही यहां से उठेगी। सारी रात वह ठंड में ही पुलिस मुख्यालय के बाहर बैठी रही। पुलिस हेडक्वॉर्टर के बाहर बैठी इस महिला का कहना है कि आईजी के हाथ लंबे हैं। उन्होंने जितनी शिकायतें कीं, उन पर आईजी ने कार्रवाई नहीं होने दी। वह बहुत डरी हुई है। उसने आशंका जताई है कि आईजी उसके साथ कुछ भी करवा सकते हैं। महिला ने बताया, मैं अपने ससुराल वालों के खिलाफ दर्ज मामले की पैरवी करने के लिए तत्कालीन एसपी एम. एस. अहलावत से मिलती थी। इस दौरान उसने मुझसे फोन पर बातचीत की और एक दिन मुझे सेक्सुअली हैरेस किया। यह घटना 2002 की है। तब अहलावत यमुनानगर के एसपी हुआ करते थे। मैंने मानवाधिकार आयोग को भी शिकायत भेजी थी, उस पर कोई कार्रवाई नहीं होने दी गई। मैंने पिछले साल 26 जून को डीजीपी रंजीव दलाल के पास पेश होकर शिकायत की थी। इस पर डीजीपी ने डीआईजी डॉ. आर. सी. मिश्रा, एसपी चारू बाली और डीएसपी राजेश दुग्गल की एक संयुक्त टीम गठित करके जांच कराई थी। यह जांच कहां तक पहुंची मुझे कुछ पता नहीं है। अब मैं परिणाम चाहती हूं। आईजी को फौरन गिरफ्तार किया जाए। इतने पुराने मामले को अब उजागर करने की बाबत महिला ने कहा, ' पहले मैं डरी हुई थी। पुलिस के हाथ बहुत लंबे होते हैं। मैंने निश्चय किया है कि मैं सामने आऊंगी और आईजी की कारगुजारी को सबके सामने लाऊंगी। ' आईजी एम. एस. अहलावत इस समय अंबाला में विजिलंस ब्यूरो में तैनात हैं। वह 19 मई को इसी साल रिटायर हो जाएंगे। आईजी ने कहा है कि महिला के आरोप निराधार हैं। इस मामले की पहले भी कई बार जांच हो चुकी है। आरोप सही नहीं पाए गए। उन्होंने कहा, ' जब यह मामला इतना पुराना है, तब महिला इतने साल बाद क्यों बोल रही है? '