शायद आपकों जानकर हैरत हो मगर यह सच है कि राजस्थान राज्य के राजसमन्द जिले के कुम्भलगढ क्षेत्र में एक गांव ऐसा भी है जिसके दो जिला मुख्यालय है। राजसमन्द और उदयपुर जिले की सीमा पर बसे कुम्भलगढ उपखण्ड के पालछ गांव की इस अजीब सी परेशानी की वजह सिर्फ इतनी है कि यहां के जिला कलक्टर उदयपुर में बैठते है और पुलिस अधीक्षक राजसमन्द में। केलवाडा थाने के अधीन इस गांव में लोगों की मुसीबत यह है कि उन्हें यदि ऐसे किसी मामले का हल करवाना हो जिसमें पुलिस व प्रशासन दोनों की मदद की दरकार हो तो उनकी एक टांग राजसमंद और दूसरी उदयपुर में रखनी होती है। करीब पांच सौ गांव की आबादी वाले इस गांव में 125 घरों की बस्ती है। इसके समीप लगने वाली रमण की भागल के साथ ही यही समस्या है। यह गांव उदयपुर जिले की गोगुंदा तहसील की गुंदाली ग्राम पंचायत में आता है। वशZ 1993 के बाद से अब तक गांव से जुडे 32 प्रकरण सामने आए है जो केलवाडा पुलिस थाने में दर्ज हुए है। दहेज हत्या जैसे मामले की जांच एसडीएम करते है। तब यह समस्या आती है लेकिन इस गांव में अब तक ऐसा मामला सामने नहीं आया है। पहले यह गांव राजसमन्द जिले की कुम्भलगढ तहसील की कुंचौली ग्राम पंचायत में आता था। 1991 में उदयपुर से टूटकर राजसमन्द जिला अलग बनने के बाद भी यह गांव राजसमन्द से अलग नहीं हो पाया। इसके तीन साल बाद क्षेत्रवासियों की मांग और 1994 में पंचायतों के पुनर्गठन के बाद उदयपुर जिले में शामिल कर लिया गया। तब गोगुंदा पंचायत समिति की करदा पंचायत से टूट कर नई बनी गुंदाली ग्राम पंचायत में पालछ में शामिल हो गई।