Thursday, January 8, 2009

ठोस सबूत से डर रहे है पाकिस्तानी शीर्ष नेता

आतंकवादी हमलों के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बने जबरदस्त अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक दबाव के कारण पाकिस्तान भारत द्वारा मुहैया कराए गए सबूतों की तहकीकात करने तथा अपने जाँचकर्ताओं को मुंबई में आतंकी हमलों के शिकार हुए स्थलों पर जाने देने की बात कह रहा है।पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के माध्यम से पाकिस्तान ने भले ही भारतीय सबूतों को खारिज करने की बात कही हो, लेकिन उसके शीर्ष नेता अंदर से सहमे हुए हैं।पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के काबुल से वापस लौटने पर प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने मंगलवार देर शाम उनसे मुलाकात कर दिनभर के हालात पर गंभीर विचार किया।मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि राष्ट्र प्रमुख और शासन प्रमुख के बीच द्विपक्षीय बैठक में भारतीय नेताओं के बयानों का विश्लेषण किया और इस बात पर सहमति जताई कि भारत द्वारा दिए गए सबूतों की जाँच कराई जाएगी तथा इसमें जिम्मेदार पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी करना पड़ेगी।पाकिस्तान की सूचना प्रसारण मंत्री शैरी रहमान ने एक टेलीविजन चैनल को बताया पाकिस्तान सरकार ने सबूतों की जाँच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई से पहले सरकार जाँच पूरी होने का इंतजार करेगी तथा वह चाहेगी कि पाकिस्तानी जाँचकर्ताओं को मुंबई के आतंकी हमला स्थलों तक जाने की इजाजत भी मिले।कूटनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका सहित पश्चिमी देशों के एक तरफा और कठोर रवैये के कारण पहले से परेशान पाकिस्तान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कल के आक्रामक बयान और सबूतों के जरिये बने कूठनीतिक दबाव को झेल नहीं पा रहा है।