Thursday, January 8, 2009

नगर निगम अध्यक्ष के घर शादी हो तो क्यों न आए गली के श्वानों की शामत

वसई के नवघर माणिकपुर म्युनिसिपल काउन्सिल के अध्यक्ष की पुत्री का रविवार को विवाह था। यहां के रहनेवाली हेमा पटेल (बदला हुआ नाम) का आरोप है कि विवाह में आने वाले मेहमानों को कठिनाई न हो इसके लिए गली के श्वानों को पकड़ा गया। कुत्ते भौके नहीं इसके लिए अध्यक्ष के बिना आदेश से महानगर पालिका के कर्मचारियों ने कई श्वानों को पकड़ कर ले गए और पिंजरे में डाल दिया। उन श्वानों मे हेमा का पिछले कई वर्षो से दत्तक लिए एक अंध मादा श्वान का भी समावेश था। सभी श्वानों की स्थिति दयनीय होने पर अध्यक्ष ने इस घटना के लिए जबाबदार नहीं होने का कहकर फोन रख दिया। दक्षिण मुंबई फाईव स्टार होटल में ब्युटीपार्लर का काम करने वाली और वसई के दीवानमाल क्षेत्र से रहनेवाली हेमा पटेल पिछले 15 वर्षों से गली में रहने वाले एवं भटकने वाले श्वान को नियमित दो बार खाने को देती है।हेमा का आक्षेप है कि एनएमएमसी के अध्यक्ष की पुत्री के विवाह में आए मेहमानों को श्वान भौंके नहीं और विवाह में व्यवधान नहीं पड़े इसके लिए नारायण मानकर के आदेश को ध्यान में रखकर महानगरपालिका कर्मचारियों ने लगभग 30 से अधिक श्वान को पकड़ कर ले गई। उन श्वान को वसई रोड़ रेलवे स्टेशन के पास एक पिंजरे में डालदिया गया। उन कुतों में हेमा की एक अंध मादा श्वान का भी समावेश था कर्मचारियों ने श्वान को छोडने को कहा पर विवाह पूरा होने के बाद।इस प्रकरण की जानकारी के अनुसार 28 दिसंबर काð पकड़े गए सभी श्वानों को रात भर भूखा प्यासा रखा। संकरी जगह होने से कुत्ते एक दूसरे को काट रहे थे। कईयों के गले से खून बह रहा था। हेमा ने उन्हें खाने के लिए पूछा तो कर्मचारियों ने कहा कि श्वानों को खिलाने के लिए पैसा नहीं है इसलिए खाने को नहीं दिया। वह श्वानों को खिलाने के लिए हर माह 2500 रुपये खर्च करती है। पिंजरे में डाले श्वानों की दयनीय स्थिति देखकर उसने मुंबई की सोसायटी ऑफ प्रिवेन्शन ऑफ क्रुअल्टी टु एनिमल्स के अधिकारियों से संपर्क किया। लेकिन वह अपनी ऑफिस में नहीं होने से मदद के लिए असमर्थता जाताई। अंत में उसने मिडिया की मदद मांगी।