तुम्हारी कलाकौशल से इस पत्थर को हीरा दो। एसा कार्य सूरत के रत्न कलाकर करते हैं। फिर भी मंदी का सामना नहीं कर पाने से बेकार रत्न कलाकर मजबूर हो कर वतन को जाने लगे हैं। परंतु करुणता यह कि वतन जाने के लिए भी रुपये नही है। रत्न कलाकारों के पास कमाई की गई रकम खत्म होने के बाद के आभूषण बेंच रहें हैं। वराछा, कतार गाम और कपोद्रा क्षेत्रों में हर दिन लगभग 2 किलो सोना बेंचा जा रहा है। इस हकीकत को जानने के लिए सोने के शो रुम चलाने वाले से एक मुलाकात करने पर जानकारी मिली कि रत्न कलाकारों की स्थिति करुणमय है यह व्यापारियों से बातचीत करने पर ही पता चला है। बराछा मेन रोड पर प्रकाश ज्वेलर्स के मालिक विमल धाकणे ने कहा कि वास्तव में हर दिन 300 से 400 ग्राम सोना वर्तमान में आ रहा है। एक ओर बिक्री ठप पड़ी है दूसरी और सोना बेचने आने वाले को रुपया देना पड़ता है। यह स्थिति भारी लग रही है। यह सब मंदी का प्रभाव ही है।