भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि किसी भी देश को अपनी धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होने देना चाहिए। चेन्नई में गुरुवार से शुरु हुए प्रवासी भारतीय दिवस के उदघाटन संबोधन में मनमोहन सिंह ने कहा, "इस बात के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की ज़रूरत है कि कोई भी देश अपनी धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होने दे।" उनका कहना था, "हम अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के साथ मिल कर आतंकवाद का मुक़ाबला करेंगे और ऐसी ताकतों को समाज में विघटन पैदा करने से रोकेंगे।" भारतीय प्रधानमंत्री ने ग़ज़ा पट्टी में इसराइली हमले की निंदा करते हुए अलग फ़लस्तीन राष्ट्र के लिए भारत का समर्थन दोहराया। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहा कि मंदी के बावजूद बुनियादी मज़बूती के बूते भारत का आर्थिक विकास दर सात फ़ीसदी रहेगा। इस सम्मेलन को देखते हुए पूरे शहर में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। सम्मेलन के आयोजकों में से एक को मिले धमकी भरे ई-मेल और चेन्नई स्थित एयर इंडिया के दफ़्तर में आए धमकी भरे पत्र को देखते हुए सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किए गए हैं। 26 नवंबर को मुंबई में हुए चरमपंथी हमलों के बाद भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर का यह पहला बड़ा सम्मेलन है। पहली बारी राजधानी दिल्ली की जगह चेन्नई को इसकी मेज़बानी मिली है क्योंकि चेन्नई सुरक्षा की दृष्टि से महफ़ूज़ माना गया। साथ ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने इसके आयोजन की इच्छा जताई थी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा कई अन्य केंद्रीय मंत्री और कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस सम्मेलन में प्रवासी भारतीयों से जुड़े मुद्दों और भारत के विकास में उनके योगदान पर चर्चा होगी