Monday, January 12, 2009

थाने में पुलिसिया रोब नहीं सत्यनारायण की होती है कथा

थाने में अभियुक्तों की गिड¸गिडाहट और पुलिस की कड¸क आवाज की जगह शंख की ध्वनि, हवन से उठते धुएं और मंत्रोच्चार सुनाई पडे¸ तो यह किसी ताजुब से कम नहीं। रçववार की सुबह स्टेशन पर खडे¸ यात्री यह नजारा देखकर भौचक हो गये। रल थाने में सत्यनारायण की कथा चल रही थी। वह भी घर-परिवार की शांति के लिए नहीं थाना क्ष्ोत्र में çवधि व्यवस्था कायम रखने और जवानों की सलामती के लिए।
इसे भगवान में अटूट विश्वास कहें या श्रद्धा आरा रल थानाध्यक्ष çवनोद कुमार प्रत्येक पूर्णमासी को थाने में पूजा व हवन कराते हैं। पूर्णमासी के दिन पंडित जी सुबह आ जाते हवन और पूजा की तñयारी शुरू हो जाती हñ। चार-पांच जवान पूजा पर बñठते हवन वहीं पूजा के दौरान भगवान से इस बात की प्रार्थना की जाती हñ कि उनके थाना क्ष्ोत्र में çवधि व्यवस्था बनी रहे। आपराधिक घटनाएं न घटे और डKूटी पर तñनात जवान सलामत रहें।
एेसा माना जाता हñ कि पूर्णमासी के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा करवाने से भौतिक, दैहिक और दñहिक तीनों प्रकार के कष्टों का नाश होता हñ। रल थानाध्यक्ष çवनोद कुमार ने इस बावत पूछने पर कहा कि थाने पर पूजापाठ करवाने से आत्मा को संतुष्टि मिलती हñ। थानाध्यक्ष की मानें तो वे गया व मोकामा में भी प्रत्येक पूर्णमासी को पूजा-पाठ करवाते fो।