पाकिस्तान ने मुंबई हमले के संबन्ध में भारत द्वारा सोमवार को पेश किए गए सबूतों को पुराने अंदाज में अपर्याप्त बताते हुए खारिज कर दिया और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए उल्टे भारत के खिलाफ सबूतों का पुलंदा तैयार कर इसे दुनिया भर में बांटने की योजना बना ली है।पाकिस्तान ने सोमवार को दिए गए सबूतों को अपर्याप्त करार देते हुए कहा है कि इनके आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। भारतीय विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायुक्त शाहिद मलिक और इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त सत्य पाल ने पाकिस्तान के विदेश सचिव सलमान बशीर को मुंबई हमलों पाकिस्तानी तत्वों की संलिप्तता को उजागर करने वाले सबूत सौंपे हैं।समाचार पत्र द नेशन ने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से मंगलवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस्लामाबाद आए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री रिचर्ड बाउचर से सोमवार को हुई बातचीत में भी अपना यह पक्ष रख दिया है।सूत्रों के अनुसार भारत द्वारा उपलब्ध कराए गे प्रमाण मुंबई में गिरफ्तार आतंकवादी अजमल आमिर कसाब के इकबालिया बयान और हमले के दौरान टेलीफोन पर की गई बातचीत के एक टेप, हथियार एवं अन्य सामग्रियों की बरामदगी पर आधारित हैं।सूत्रों ने बताया कि श्री बाउचर से स्पष्ट शब्दों मे कहा गया है कि पाकिस्तान के समक्ष लाए गए सबूत इतने अपर्याप्त हैं कि उनके आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। इसके अलावा कसाब का बयान भारतीय जांच एजेंसियों की प्रताडना और दबाववश जबरन दिलवाया गया हो सकता है। इसलिए इसका कानूनी महत्व नगण्य है।सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान भारत सरकार को एक दो दिन में अपना जवाब आधिकारिक तौर पर भेज देगा।इस बीच एक टीवी चैनल की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने अपने आधिकारिक बयान में भारतीय सबूतों के अध्ययन के लिए एक कमेटी गठित किए जाने की घोषणा की है। लेकिन विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने अखबार से बातचीत में कहा कि भारतीय दस्तावेजों में वही सब बातें कही गई हैं जो भारत के मीडिया में पहले से ही प्रचारित हो रही हैं। इसमें नया कुछ भी नहीं है।अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान ने भी उसके कबायली इलाकों और बलूचिस्तान में हुईं आतंकवादी घटनाओं में भारत की भूमिका को लेकर एक दस्तावेज तैयार किया है इसमें काबुल स्थित भारतीय उच्चायोग की भूमिका का ब्यौरा शामिल है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जल्द ही इस दस्तावेज को अमेरिका एवं अन्य प्रमुख देशों को सौंपेगा और उन्हें बताएगा कि दक्षिण एशिया में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए वास्तव में कौन सा देश जिम्मेदार है और अपने पड़ोसी देशों में आतंकवाद का समर्थन कर रहा है।अधिकारी ने भारत द्वारा वांछित आतंकवादी उसे सौंपे जाने की संभावना से एक बार फिर साफ इनकार किया।