नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र ने शनिवार को लोगों से पशुपतिनाथ मंदिर विवाद का राजनीतिकरण नहीं करने की अपील की। उन्होंने मंदिर से जुड़े ताजा विवाद पर चिंता जताई है और लोगों से धार्मिक सद्भाव बरकरार रखने को कहा है। माओवादियों द्वारा नेपाल के सबसे पवित्र मंदिर पशुपतिनाथ में जबरदस्ती प्रवेश करने पर विरोध लंबा खिंचने की आशंका है, क्योंकि शीर्ष न्यायालय के एक आदेश को लागू करने के लिए प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार पर दबाव डालने के मकसद से एक संघर्ष समिति का गठन कर लिया गया है।पूर्व गुरिल्लाओं ने नेपाल के उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए बृहस्पतिवार को पशुपतिनाथ मंदिर में जबरदस्ती प्रवेश किया था। शीर्ष अदालत ने मंदिर की 300 साल पुरानी परंपरा के अनुसार नियुक्त किए गए भारतीय ब्राह्मणों की जगह नेपाली पुजारियों को नियुक्त करने पर रोक लगा दी थी।माओवादी एवं यंग कम्युनिस्ट लीग के कार्यकताओं ने बृहस्पतिवार को मंदिर में जबरदस्ती प्रवेश किया और भारतीय ब्राह्मणों की जगह नए पुजारी को वहां रखवाया। इस कदम का मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांगेस और हिन्दू संगठनों तथा मंदिर के आसपास रहने वाले लोगों ने तुरंत विरोध किया।