मुंबई के आवारा कुत्तों को एक ख़ूबसूरत हितैषी मिल गई हैं। और वो हैं बेवॉच की चर्चित और पूर्व अभिनेत्री पामेला एंडरसन। पशुप्रेमी पामेला एंडरसन ने मुंबई के अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि आवारा कुत्तों को मारने की बजाय उनकी नसबंदी कर देनी चाहिए। उन्होंने लिखा है कुत्ते कंडोम का इस्तेमाल नहीं कर सकते लेकिन दर्दरहित तरीक़े से 'रोका' जा सकता है। पामेला एंडरसन को पत्र लिखने की तब सूझी जब उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का वह आदेश पढ़ा जिसमें कहा गया है कि आवारा कुत्तों को मारा जा सकता है क्योंकि वे लोगों के लिए स्थाई सिरदर्द हैं। पामेला ने अपने पत्र में लिखा है पशुओं के प्रति क्रूरता के ख़िलाफ़ काम करने वाली संस्था 'पेटा' के सदस्यों से मुझे पता चला कि मुंबई के सड़कों में घूमने वाले कुत्तों को पकड़ कर क्रूरतापूर्वक मारा जा सकता है। म्युनिसिपल कमिश्नर को भेजे गए अपने पत्र में उन्होंने कहा है, "यह सर्वविदित तथ्य है कि आवारा कुत्तों को मार देना उनकी आबादी पर नियंत्रण का कोई स्थाई उपाय नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के अध्ययन का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा है आवारा जानवरों की सामूहिक नसबंदी मानवीय होने के अलावा सबसे व्यावहारिक विकल्प भी है।
पशु अधिकारों के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुंबई के 70 हज़ार आवारा कुत्तों सहित महाराष्ट्र और गोवा के हज़ारों कुत्तों को मारा जा सकता है। अधिकारियों से संपर्क करने पर उन्होंने बीबीसी से कहा कि फ़िलहाल हाईकोर्ट के आदेश पर पालन करने पर रोक लगा दी गई है और आवारा कुत्तों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने पामेला एंडरसन के पत्र पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि मुंबई में कई बार कुत्तों की नसबंदी का कार्यक्रम चलाया जा चुका है लेकिन आवारा कुत्तों की आबादी और उनसे होने वाली परेशानी को रोका नहीं जा सका है। पामेला एंडरसन के पत्र को लेकर मुंबईवासियों की प्रतिक्रिया मिलीजुली सी है। सेल्स मैनेजर शुभदा सुर्वे का कहना है ये ठीक है कुत्तों को मारना नैतिक रुप से ठीक नहीं है लेकिन मुंबई के मामलों में दखल देने वाली पामेला एंडरसन कौन होती हैं।
पशु अधिकारों के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुंबई के 70 हज़ार आवारा कुत्तों सहित महाराष्ट्र और गोवा के हज़ारों कुत्तों को मारा जा सकता है। अधिकारियों से संपर्क करने पर उन्होंने बीबीसी से कहा कि फ़िलहाल हाईकोर्ट के आदेश पर पालन करने पर रोक लगा दी गई है और आवारा कुत्तों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने पामेला एंडरसन के पत्र पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि मुंबई में कई बार कुत्तों की नसबंदी का कार्यक्रम चलाया जा चुका है लेकिन आवारा कुत्तों की आबादी और उनसे होने वाली परेशानी को रोका नहीं जा सका है। पामेला एंडरसन के पत्र को लेकर मुंबईवासियों की प्रतिक्रिया मिलीजुली सी है। सेल्स मैनेजर शुभदा सुर्वे का कहना है ये ठीक है कुत्तों को मारना नैतिक रुप से ठीक नहीं है लेकिन मुंबई के मामलों में दखल देने वाली पामेला एंडरसन कौन होती हैं।