राजधानी दिल्ली मे आयोजित साठवें गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने जब देश के वीर सपूतों को अशोक चक्र प्रदान किया तो वहां आये लोगो की आंखे नम हो गयी और उन्होनें देश के लिए बलिदान देने वालों को गहरी श्रद्धा के साथ उनकी वीरता को नमन किया ।सबसे पहला अशोक चक्र मेघालय पुलिस सेवा में कार्यरत रहे आर.पी लिंगदोह को मरणोपरांत दिया गया जिसे उनकी पत्नी सतीमोया मल ने राष्ट्रपति से ग्रहण किया । लिंगदोह उग्रवादियों से लडते हुये शहीद हो गये थे ।छह नवम्बर 2007के दिन उन्हें सूचना मिली कि स्वचालित रायफ्लों से लैस लगभग दस उग्रवादियों ने मेघालय के जंगलों मे ंडेरा डाल दिया है ।लिंगदोह ने वहां पहुंच कर उग्रवादियों से लोहा लेना शुरू कर दिया और गंभीर रूप से घायल होने पर भी दो दुर्दांत उग्रवादियों को बंदी बना लिया ।लेकिन इस कार्रवाई में वह शहीद हो गये ।इसके बाद उडीसा राज्य सशस्त्र पुलिस के प्रशिक्षण प्रभारी .विशेष आपरेशन ग्रुप .के सहायक कमाण्डेंट प्रमोद कुमार सत्पथी को मरणोपरांत अशोक चक्र प्रदान किया गया ।राष्ट्रपति से यह दुर्लभ सम्मान उनकी पत्नी अमिता सत्पथी ने ग्रहण किया ।पंद्रह फ्रवरी 2008 को पांच सौ से अधिक नक्सलियों ने भुवनेश्वर के आस पास के इलाक ों में पुलिस पर आक्रमण कर हथियार लूट लिए और कई पुलिस कर्मियों को मार दिया । सत्पथी ने केवल 20 सहयोगियों के साथ नक्सलियो ंको चुनौती दे डाली और दो घंटे से भी अधिक चली भीषण मुठभेड में उन्होंने देश के लिये लडते हुये अपने प्राणों की बलि दे दी ।